आ जाना श्याम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
आ जाना श्याम नगरिया में,,,,,,नगरिया में,,,
हॊली खेलेंगे बजरिया में !! आ जाना,,,,,,,,,,,,,,
नीले लाल हरे पीले रंग लेके,
ग्वाल-बाल सबहीं संग लेके,
करना न देर डगरिया मॆं !!१!! आ जाना श्याम नगरिया में,,,,,,,,
केशर गुलाल अबीर मैं डारूं,
भर-भर पिचकारी भी मारूं,
भर आई हूँ रंग गगरिया में !२!!आ जाना श्याम नगरिया में,,,,,,,,,
तुम्हारी राह तके है राधा,
भूल न जाना अपना वादा,
ये बात बांध लॊ गठरिया में !३!!आ जाना श्याम नगरिया में,,,,,,,,,,,
घर में राधा आज अकेली,
नहीं साथ में कॊई सहेली,
वॊ सॊई है ऊपर अटरिया में !!४!!आ जाना श्याम नगरिया में,,,,,,,,,,
2 comments:
Bahut hi achchi likhi hai..:-)
Bahut hi achcha likhte hai aap.
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