आज नहीं तो कल मिलता है
------------------------------------
यहां आज नहीं तो कल मिलता है !
सबको करनी का फ़ल मिलता है !!
यह दुनिया बड़ी फ़रेबी है भाई,
कदम कदम पर छल मिलता है !!
मासूका को कौन घुमाये गाड़ी में,
इतना मँहगा डीज़ल मिलता है !!
बस्ती में बाढ़ , फ़सल में इल्ली,
भूखा चूल्हा सूखा नल मिलता है !!
इस बार चुनाव लड़ेगा ये शायद,
लोगों से वह तो पैदल मिलता है !!
जनता की किस्मत फ़ूटी समझो,
जब भी कोई सिब्बल मिलता है !!
कवि-राज बुन्दॆली
------------------------------------
यहां आज नहीं तो कल मिलता है !
सबको करनी का फ़ल मिलता है !!
यह दुनिया बड़ी फ़रेबी है भाई,
कदम कदम पर छल मिलता है !!
मासूका को कौन घुमाये गाड़ी में,
इतना मँहगा डीज़ल मिलता है !!
बस्ती में बाढ़ , फ़सल में इल्ली,
भूखा चूल्हा सूखा नल मिलता है !!
इस बार चुनाव लड़ेगा ये शायद,
लोगों से वह तो पैदल मिलता है !!
जनता की किस्मत फ़ूटी समझो,
जब भी कोई सिब्बल मिलता है !!
कवि-राज बुन्दॆली
No comments:
Post a Comment