इशारॊं-इशारॊं सॆ,,,,
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इशारॊं-इशारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥
आज सितारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥१॥
गुलॊं सॆ मॊहब्बत, है हर एक कॊ,
क्यूं न ख़ारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥२॥
यह हवॆली महफ़ूज़, है या कि नहीं,
इन पहरॆदारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥३॥
रॊटी की कीमत, समझ मॆं आ जायॆ,
जॊ बॆरॊजगारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥४॥
उस की आबरू, नीलाम हॊगी कैसॆ,
चलॊ पत्रकारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥५॥
किसकी सिसकियां, हैं उन खॆतॊं मॆं,
"राज"जमींदारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥६॥
कवि-"राज बुन्दॆली"
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इशारॊं-इशारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥
आज सितारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥१॥
गुलॊं सॆ मॊहब्बत, है हर एक कॊ,
क्यूं न ख़ारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥२॥
यह हवॆली महफ़ूज़, है या कि नहीं,
इन पहरॆदारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥३॥
रॊटी की कीमत, समझ मॆं आ जायॆ,
जॊ बॆरॊजगारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥४॥
उस की आबरू, नीलाम हॊगी कैसॆ,
चलॊ पत्रकारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥५॥
किसकी सिसकियां, हैं उन खॆतॊं मॆं,
"राज"जमींदारॊं सॆ, बात कर ली जायॆ ॥६॥
कवि-"राज बुन्दॆली"
2 comments:
kya dhar hai aapki lekhani me .... bahut khub....
धन्यवाद,,,,,,,,,,,,,,
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