Sunday, January 8, 2012

सर उठा के जिया हूं,सर उठाके मरूंगा,
अपनी हस्ती ,वतन पे लुटा के मरूंगा,
आयेगी जब कज़ा,उस से कह दूंगा मैं,
अपनी मिट्टी का, कर्ज चुका के मरूंगा !!

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